आजकल लोगों को मोबाइल की इतनी लत लग गई है कि एक पल के लिए भी उसे खुद से दूर नहीं कर सकते है। हर वक्त वे मोबाइल को खुद से चिपकाकर ही रखते हैं। यहां तक की रात को सोते वक्त भी लोग मोबाइल को अपने पास में लेकर ही सोते हैं।
रात को बिस्तर पर लेटे-लेटे लोग अपनी पसंदीदा फिल्में, वीडियो और म्यूजिक देखते-सुनते हैं। इसके बाद जब उन्हें नींद आने लगती है तो वे मोबाइल को पास में ही रखकर सो जाते हैं।
अगर आप भी ऐसा करते है तो तुरंत यह आदत छोड़ दें। कई रिसर्च में यह सामने आ चुका है कि मोबाइल से निकलने वाली विकिरणों से कई गंभीर रोग आपको अपनी जकड़ में ले सकते हैं।
स्वास्थ्य को हो सकते हैं गंभीर नुकसान
मोबाइल फोन को अपने सिराहने पर रखकर सोने से आपके स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है। अगर आप भी ऐसा कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं क्योंकि स्मार्टफोन आपको गंभीर बीमारियां दे रहा है। कुछ समय पहले ब्रिटेन की एक्जिटर यूनिवर्सिटी के एक रिसर्च में इस बात का पता चला है कि स्मार्टफोन से निकलने वाली विकिरणों से कैंसर और नपुंसकता का खतरा बढ़ता है।
कैंसर का खतरा
स्मार्टफोन से इलेक्ट्रो मैग्नेटिक विकिरणें निकलती हैं, जो बहुत खतरनाक होती है। अंतरराष्ट्रीय कैंसर रिसर्च एजेंसी का भी कहना है कि इससे निकलने वाली विकिरणों को कार्सिनोजन यानि कैंसरकारी तत्वों की श्रेणी में रखा है। ICRA ने चेतावनी दी है कि स्मार्टफोन का अधिक इस्तेमाल कान और मस्तिष्क में ट्यूमर पनपने की वजह बन सकता है।
इससे आगे चलकर कैंसर का रूप लेने की संभावना बढ़ती है। वर्ष 2014 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, स्मार्टफोन से निकलने वाली इलेक्ट्रो मैग्नेटिक विकिरणों का नपुंसकता से भी सीधा संबंध है।
इन जगहों पर भूलकर भी न रखें मोबाइल
वहीं शोधकर्ताओं का कहना है कि स्मार्टफोन को पैंट की जेब में भी नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से शुक्राणुओं का उत्पादन घटता है। इसके अलावा अंडाणुओं को निषेचित करने की गति भी धीमी पड़ जाती है। साथ ही यह भी देखा जाता है कि कई लोग सोते वक्त मोबाइल को तकिये के नीचे रखकर सोते हैं।
यह कई बार घातक साबित हो सकता है। दरअसल, कई बार स्मार्टफोन के ज्यादा गर्म होकर फटने की संभावना भी रहती है। पिछले दिनों इस तरह के दो मामले देखने को मिले थे। इससे पहले भी इस तरह के हादसे हो चुके हैं। कई केस में तो लोगों की मौत तक हो गई।
स्लीप हार्मोन होते हैं प्रभावित
वहीं रात को मोबाइल का इस्तेमाल करने से नींद की भी समस्या हो सकती है। वर्ष 2017 में इजरायल की हाइफा यूनिवर्सिटी के द्वारा किए गए एक अध्ययन में बताया गया कि सोने से आधे घंटे पहले मोबाइल का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए।
शोधकर्ताओं ने कहा कि स्मार्टफोन, कंप्यूटर तथा टीवी की स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी ‘स्लीप हार्मोन’ मेलाटोनिन का उत्पादन बाधित करती है। इससे लोगों को सोने में दिक्कत आने लगती है।