डॉ कामिनी वर्मा

डॉ कामिनी वर्मा: आज दिल्ली , एन सी आर सहित देश के सभी महानगरों में वर्षाकाल के कुछ दिनों के अतिरिक्त वर्ष भर वायु एवं जल प्रदूषण गंभीर चिंता का विषय रहता है। ग्लोबल वॉर्मिंग , जलवायु परिवर्तन, पर्यावरणीय असमानता की चर्चा आज हर व्यक्ति की जिह्वा पर रहती है। यह स्वाभाविक भी है क्योंकि इससे शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। लोग जानलेवा बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। वैश्वीकरण के दौर में हमारा जीवन तकनीक का दास बनता जा रहा है। आधुनिक तकनीक जहां हमारे जीवन को आरामदायक विलासिता पूर्ण जीवन शैली प्रदान कर रही है वहीं बहुत सी बहुत सी घातक बीमारियों  से ग्रसित भी कर रही है।

जल ,वायु और ध्वनि से प्रदूषित देश में लीवर , अस्थमा, कैंसर तथा श्रवण संबंधी ब्याधियों  की संख्या में वृद्धि हुई है। प्रदूषित वायु से होने वाले रोगों की यह स्थिति है, आज अस्पताल पहुँचने वाला हर तीसरा व्यक्ति श्वास रोगी है।