केवीएस में दूसरे राज्यों से बना आय प्रमाण पत्र होगा मान्य, ईडब्ल्यूएस छात्रों को मिलेगा प्रवेश

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नई दिल्ली। केवीएस: दिल्ली हाई कोर्ट ने दो साल से चल रहे केस में अपना फैसला सुनाया है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) श्रेणी के एक स्टूडेंट्स के पक्ष में फैसला सुनाते हुए केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) को एडमिशन देने का आदेश दिया है, जिसमें केवीएस ने उस बच्चे का एडमिशन यह कहकर रद्द कर दिया था कि उस बच्चे के पिता ने ईडब्ल्यूएस श्रेणी का सर्टिफिकेट किसी अन्य राज्य से बनवाया था, न कि दिल्ली सरकार द्वारा निर्गत था।

जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने सुनाया फैसला 

इस मामले में जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने कहा कि केंद्र सरकार ने अधिसूचित किया है कि सभी प्रासंगिक दस्तावेजों को सावधानीपूर्वक सत्यापित करने और संबंधित राज्य सरकारों द्वारा निर्धारित उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद, इस उद्देश्य के लिए प्रमाण पत्र राज्य में तहसीलदार के पद से नीचे के अधिकारी द्वारा जारी किया जाना चाहिए अर्थात ” ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत देश में कहीं भी केवी स्कूल में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवार को उस राज्य सरकार से जारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है जहां स्कूल स्थित है, लेकिन ऐसा प्रमाण पत्र एक अधिकारी द्वारा प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है।”

क्या था केस

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के मूल निवासी याचिकाकर्ता ने सत्र 2021-2022 में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत कक्षा 1 में अपने बच्चे के दाखिले की मांग की थी। लेकिन स्कूल ने उनका एडमिशन यह कहकर खारिज कर दिया था कि याचिकाकर्ता के द्वारा बनवाया गया EWS सर्टिफिकेट दिल्ली सरकार द्वारा जारी नहीं किया गया है बल्कि उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा निर्गत किया गया है, जिसके चलते याचिकाकर्ता ने एडमिशन न देने के लिए कोर्ट में केस कर दिया था।

दो वर्षों तक चले केस के बाद आया फैसला

इस केस को केवीएस एवं याचिकाकर्ता के बीच दो वर्षों तक लड़ा गया जिसके बाद अब दिल्ली हाई कोर्ट ने यह फैसला याचिकाकर्ता के पक्ष में सुनाया है। उन्होंने साथ ही केंद्रीय विद्यालय, नरेला (स्कूल) को सत्र 2023-24 में उनके बच्चे को कक्षा 3 में प्रवेश देने का आदेश दिया है।