दिल्ली। ऑनलाइन गेमिंग और गैम्बलिंग आज युवा जनरेशन के बीच खासी लोकप्रिय है, लेकिन जो जितना लोकप्रिय हो जरूरी नहीं कि वो उतना ही सही भी हो। आपने भी बहुत सी बेटिंग एप और वेबसाइट देखी और सुनी होंगी। लेकिन हम इस खबर में हम बात करेंगे Lotus365.online व lotus365.vip की बात कर रहे है। लोटस 365 का नाम कम वक्त में ही ऑनलाइन बेटिंग की दुनिया में उभरा है। बड़े-बड़े सेलिब्रिटी जैसे नवाजुद्दीन सिद्दीकी, उर्वशी रौतेला, काजल अग्रवाल और तमन्ना भाटिया इसका प्रचार करती हैं। अखबारों में इसका विज्ञापन फुल फ्रंट पेज पर छपता है। कई यू-ट्यूब क्रिएटर और इन्फ्लुऐंसर्स से भी आपने इसके बारे में जरूर सुना होगा। लोटस 365 दावा करता है कि वो कानूनी रूप से वैध है। जबकि हमारे देश भारत में सट्टेबाजी कानूनी रूप से अवैध है।
जानिए क्या हैं Lotus 365
लोटस 365 एक ऑनलाइन सट्टा वेबसाइट है। 2016 में शुरू हुई ये वेबसाइट चीन की है। लोटस 365 क्रिकेट, फुटबॉल, पोकर, तीन पत्ती, रूले और अन्य खेलों करने वाला एक गेमिंग और गैम्बलिंग प्लेटफॉर्म है। कथित तौर पर, यह वर्तमान में डोमेन lotus365.in के तहत कार्य करता है। इस वेबसाइट और इससे पहले इसके ऐप ने एक करोड़ से ज्यादा यूजर्स को खुद के साथ जोड़ा। इसकी कोई एप्लीकेशन नहीं है और इसकी वजह है भारत सरकार द्वारा 2 महीने पहले 138 चीनी एप्स पर लगाया गया बैन जिसमें लोटस 365 भी शामिल था।
इस वेबसाइट पर अब सवाल भी इसीलिए खड़े हो रहे हैं, क्योंकि फरवरी में प्रतिबंध लगने के बावजूद अखबारों में इसके पूरे पेज के विज्ञापन छप रहे हैं। हाल ही में, जैसे ही आईपीएल शुरू हुआ, कंपनी के अखबारों में फ्रंट-पेज विज्ञापन भी छपने शुरू हो गए। जिसके कारण वेबसाइट के खिलाफ सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा, क्योंकि प्रतिबंध के बावजूद शक्ल बदलकर लोटस 365 लोगों को ठगने का काम कर रही है।
सोशल मीडिया पर नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी और उर्वशी रौतेला समेत अन्य सेलेब्रिटीज को भी इसे बढ़ावा देने के कारण यूजर्स के गुस्से का सामना करना पड़ा। इन विज्ञापनों के उभरने से ऑनलाइन जुए और सट्टेबाजी के पोर्टलों की वैधता को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। लोटस ऑनलाइन बेटिंग की दुनिया में 7 साल पहले कदम रखने वाले लोटस 365 को इसकी सर्विसेज ने यूजर्स की पसंदीदा वेबसाइट बना दिया। खेलों के अलावा, यह जुआ खेलने के लिए ऑनलाइन कैसीनो की एक सीरीज भी प्रदान करता है।
यूजर्स इस पर भारतीय मुद्रा में अंतरराष्ट्रीय लेनदेन करने में सक्षम थे और खेलने के लिए यूपीआई का उपयोग भी कर सकते थे, जिसने इसे सबसे लोकप्रिय पोर्टलों में से एक बना दिया लेकिन बड़ा सवाल यही है कि जब सरकार इसके एप पर 2 महीने पहले ही प्रतिबंध लगा चुकी है तो फिर वेबसाइट की शक्ल में लोटस 365 आखिर धड़ल्ले से क्यों चल रहा है और बड़े बड़े लुभावने विज्ञापनों के जरिए लोगों को भ्रमित क्यों किया जा रहा है। शायद इसकी एक वजह ये भी है कि भारत में ऑनलाइन बेटिंग को अवैध करार देकर सजा देने के लिए आज भी अलग से कोई कानून नहीं है।