यूपी के सामूहिक विवाह में एक और फर्जीवाड़ा, दूल्हा नहीं आया तो भाई-बहन को ही बना दिया पति- पत्नी

Crime Uttar Pradesh

महाराजगंज में सामूहिक विवाह योजना के दौरान बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां अनुदान की राशि और शादी में मिलने वाले गृहस्थी के सामान के लालच में बिचौलियों ने दूल्हे के न आने पर पहले से शादीशुदा युवती के फेरे उसके भाई के साथ करवा दिए।

इसकी जानकारी होने पर हड़कंप मच गया। बीडीओ ने विवाह में दिया गया गृहस्थी का सामान वापस मंगवा लिया है। साथ ही अनुदान के रूप में दी जाने वाली 35 हजार रुपये की धनराशि के भुगतान पर रोक लगाने की संस्तुति की है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत बीते पांच मार्च को लक्ष्मीपुर ब्लॉक में 38 जोड़ों की शादी हुई थी। इसमें लक्ष्मीपुर क्षेत्र के एक गांव की युवती का भी पंजीकरण था।

बताया जा रहा है कि युवती की शादी एक साल पहले बृजमनगंज क्षेत्र में लेहड़ा के समीप एक गांव में हो चुकी थी। इसके बाद भी बिचौलियों ने युवती को शादी के लिए रजामंद कर लिया लेकिन जिस लड़के को फेरे लेने के लिए बुलाया गया था, वह नहीं आया। इसके बाद बिचौलियों ने अनुदान राशि में मिलने वाले कमीशन के लिए युवती और उसके भाई के बीच ही फेरे करवा दिए। युवती का असली पति कमाई के सिलसिले में बाहर गया है। उसे इस घटनाक्रम की जानकारी ही नहीं है।

लक्ष्मीपुर बीडीओ अमित मिश्र ने बताया, लक्ष्मीपुर ब्लॉक में गत 5 मार्च को हुए सामूहिक विवाह समारोह में एक युवती की फर्जी तरीके से उसके भाई के साथ फेरे कराने का मामला सामने आया है। प्रारंभिक जांच के बाद योजना के तहत दिया गया सारा सामान वापस मंगा लिया गया है। अनुदान की धनराशि का भुगतान रोकने के लिए संस्तुति की गई है। प्रकरण की गहनता से जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई तय है।

महाराजगंज डीएम अनुनय झा का कहना है कि सामूहिक विवाह में भाई-बहन के बीच सात फेरे को लेकर अभी कोई शिकायत नहीं आई है। मामले की जांच कराई जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

बलिया के मनियर ब्लॉक में 25 जनवरी को सामूहिक विवाह का आय़ोजन किया गया था। इस दौरान अलग अलग ब्लॉक के 568 जोड़ों का यहां पर विवाह कराया गया। इस दौरान सैकड़ों दुल्हनों का विवाह बिना दुल्हों के ही करा दिया गया। इसका वीडियो वायरल हुआ तो हड़कंप मच गया। वीडियो में दुल्हनें खुद अपने गले में वरमाला डालती दिखाई दे रही थी। ऐसा लग रहा था जैसा सरकारी पैसे से विवाह नहीं खिलवाड़ हो रहा हो। दूल्हे भी कई नाबालिग थे तो कई ने अपने मुंह ढंके हुए थे। इसी के बाद जांच शुरू हुई तो परत दर परत मामला खुलता चला गया।