UPI Payment Charge : आज के समय में हर कोई ऑनलाइन लेनदेन कर रहा है और अब इससे जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल भविष्य में ऐसा हो सकता है कि आपको यूपीआई पेमेंट के लिए चार्ज देना पड़े।
इस बात का संकेत नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन आफ इंडिया के प्रमुख दिलीप अस्बे ने दिया है। उन्होंने बताया कि यह बड़े व्यापारियों को अगले 3 साल में यूपीआई पेमेंट करने के लिए शुल्क देना पड़ सकता है। NPCI के प्रमुख ने बताया कि हमारा ध्यान इस समय कैश के लिए एक व्यवहारिक पेमेंट ऑप्शन प्रोवाइड करना और यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस की स्वीकार्यता को बढ़ाना है।
NPCI के प्रमुख ने दिए संकेत
नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया के प्रमुख दिलीप अस्बे ने कहा कि लॉन्ग टर्म के हिसाब से उचित शुल्क लगाया जाएगा। यह सब कुछ छोटे व्यापारियों पर नहीं बल्कि बड़े व्यापारियों पर होगा और यह कब लागू होगा इसके बारे में जानकारी नहीं है। 1 साल, 2 साल या 3 साल बाद हो सकता है। यूपीआई पर चार्ज लगाने का मुद्दा विवादास्पद है और उद्योग जगत से लगातार ऐसी मांग उठाई जा रही है। सरकार ऐसे लेनदेन के लिए परिवेश में इकाइयों को वर्तमान में क्षतिपूर्ति देती है।
सिक्योरिटी पर बढ़ा बजट
इसके अलावा उन्होंने बताया कि साइबर सिक्योरिटी और इनफॉरमेशन सिक्योरिटी पर खर्च को 10% से बढ़कर 25% कर दिया है। उन्होंने बताया कि जोखिम बढ़ता हुआ नजर आ रहा है और इसलिए सुरक्षा खर्च बढ़ाने की जरूरत है। हालांकि भविष्य में अन्य खोज और अधिक लोगों को जोड़ने के लिए और कैशबैक जैसे प्रोत्साहन के लिए बहुत अधिक पैसे की जरूरत होगी।इस व्यवस्था से अन्य 50 करोड लोगों को जोड़ने की जरूरत है।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यूपीआई प्लेटफार्म के माध्यम से लेनदेन कैलेंडर वर्ष 2023 में 100 बिलियन का आंकड़ा पार कर 118 बिलियन रुपये पर बंद हुआ है। पिछले आंकड़े 74 बिलियन रुपए से 60% की वृद्धि दर्ज की गई है।