सुरंग में फंसे मजदूरों को हवा से पहुंचाया जा रहा है खाना-पानी, ऐसे हो रही बात

सुरंग में फंसे मजदूरों को हवा से पहुंचाया जा रहा है खाना-पानी, ऐसे हो रही बात

उत्तरकाशी उत्तराखंड में सिलक्यारा टनल के अंदर फंसे 40 मजदूरों को निकालने काम अब अंतिम दौर में पहुंच चुका है. लेकिन, सुरंग के ऊपरी हिस्सों से अब भी मलबा गिरना बंद नहीं हुआ है. इस वजह से राहत कार्यों में देरी आ रही है.

इस बीच राज्य सरकार ने सुरंग में फंसे बिहार और यूपी के मजदूरों के परिजनों की सुविधा तथा उनकी आशंकाओं को दूर करने के लिए कई हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. ये हेल्पलाइन नंबर हैं 01374-222722, 222126, 7500337269, 7455991223, 7818066867. सुरंग के अंदर कम्प्रेशर के माध्यम से लगातार ऑक्सीजन प्रवाहित की जा रही है. साथ में हवा के द्वारा मजदूरों को भोजन सामग्री के छोटे-छोटे पैकेट भी भेजे जा रहे हैं. राहत कार्य में लगे लोग फंसे हुए लोगों से वॉकी-टॉकी के माध्यम से बातचीत भी कर रहे हैं. राज्य सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि अभी तक सभी व्यक्ति सुरक्षित हैं.इस काम में विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर एनएचएआई, आरबीएनएल, एनएचसीएल, एल एंड टी, टीएचडीसी, बीआरओ एवं एनएचआईडीसीएल के द्वारा तकनीकी उपलब्ध कराया गया है. सुरंग की दीवार पर शॉर्ट क्रीटिंग का कार्य भी किया जा रहा है. इसके साथ ही उपस्थित विशेषज्ञों के परामर्श पर फंसे हुये मजदूरों तक पहुंचाने के लिये मलबा हटाकर सेटरिंग प्लेट लगा कर उन्हें निकालने के लिये सुरक्षित मार्ग तैयार किए जाने के प्रयास किये जा रहे हैं. लेकिन, सुरंग के ऊपरी भाग से आ रहे मलबे के कारण इस कार्य में बाधा पहुंच रही है.

एनएचएआई, आरबीएनएल, एनएचसीएल, एल एंड टी, टीएचडीसी, बीआरओ कंपनियों के द्वारा तकनीकी उपलब्ध कराया गया है.मजदूरों को निकालने मे काम जारीघटनास्थल पर स्टेजिंग एरिया बनाया गया है, जहां पर वॉर्टिकल ड्रिल मशीन, हॉरिजोण्टल ड्रिल मशीन व शॉर्टक्रीट मशीन उपलब्ध हैं, साथ ही सुरंग के बाहर 03 पोकलैण्ड, 02 जेसीबी, 06 ट्रक, 01 हाईड्रा, 02 लोडर तैनात हैं तथा सुरंग के अन्दर 04 पोकलैण्ड, 03 शॉर्टक्रीटिंग मशीन 02 बूमर, 02 हाईड्रा व 02 ट्रक कार्य कर रहे हैं. खोज-बचाव कार्यों हेतु पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, सीमा सड़क संगठन, स्वास्थ्य विभाग व त्वरित कार्यवाही दल के सदस्यों सहित कुल 160 राहतकर्मी घटनास्थल पर तैनात किये गए हैं. घटनास्थल से 05 किमी की दूरी पर स्थापना के पास अस्थायी हेलीपेड का निर्माण किया गया है तथा चिन्यालीसौड़ हैलीपेड को भी राहत कार्यों हेतु चिह्नित किया गया है.आपातकाल स्थिति के लिए ये है तैयारीसुरंग से व्यक्तियों को सुरक्षित निकालने के उपरान्त उन्हें तत्काल चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करवाये जाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग की टीमें विशेषज्ञ व उचित

सुरंग में फंसे मजदूरों को हवा से पहुंचाया जा रहा है खाना-पानी, ऐसे हो रही बात

औषधि उपकरण, एम्बुलेंस सहित टनल गेट पर तैनात की गई है. किसी भी विपरीत परिस्थिति में कार्यवाही हेतु निकटवर्ती जनपदों के चिकित्सालयों के साथ ही एम्स ऋषिकेश को हाई एलर्ट पर रखा गया है तथा ऑक्सीजन की निर्वाध आपूर्ति हेतु पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेण्डरों का भण्डारण किया गया है.

घटनास्थल पर स्टेजिंग एरिया बनाया गया है, जहां पर वॉर्टिकल ड्रिल मशीन, हॉरिजोण्टल ड्रिल मशीन व शॉर्टक्रीट मशीन उपलब्ध हैंमुख्यमंत्री धामी रख रहे हैं नजरइसके साथ ही ऑगर मशीन की सहायता से बड़े व्यास के एमएस पाईप डालने की तैयारी पूरी कर ली गई है. घटनास्थल पर विशेषज्ञों और इंजीनिर्स की पूरी टीम मौजूद है. इन मजदूरों के निकलाने के लिए 900 मिमी व्यास के पाइप, ऑगर ड्रिलिंग मशीन साइट पर पहुंच चुकी है. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं. सीएम के निर्देश के बाद सिलक्यारा सुरंग में हुए भूस्खलन के अध्ययन एवं कारणों की जांच के लिए निदेशक उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की टीम भी निरीक्षण करने पहुंची है. विशेषज्ञों की टीम ने सुरंग एवं इसके ऊपर की पहाड़ी का सर्वेक्षण कर रही है.मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी के सिलक्यारा के पास टनल में फंसे श्रमिकों के बारे में अधिकारियों से निरंतर जानकारी ले रहे है. राहत एवं बचाव के कार्यों में लगी एजेंसियों से भी मुख्यमंत्री हर पल की अपडेट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री आवास में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मौके पर तैनात जिला प्रशासन के अधिकारियों एवं वहां पर कार्य कर रही एजेंसियों से निरन्तर समन्वय बनाकर रखें, राहत सामग्री की किसी भी प्रकार की आवश्यकता पड़ने पर, शीघ्र उपलब्ध कराई जाए.