
दिल्ली समेत देशभर में इस वक़्त आई फ्लू संक्रमण तेजी से फैल रहा है। मॉनसून के मौसम में अक्सर आई फ्लू के मामले सामने आते हैं। इसे पिंक आई भी कहा जाता है। यह एक संक्रामक बीमारी है, जो संक्रमित व्यक्ति या उसके आंसुओं के संपर्क में आने से फैलता है।
इसके अलावा यह आई कॉन्टैक्ट बनाने और संक्रमित व्यक्ति के खांसी के दौरान छींकने से भी फैल सकता है। दिल्ली में भी इसका संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है, जिससे काफी लोग खास तौर पर बच्चे काफी परेशान हो रहे हैं और दिल्ली के अस्पतालों में काफी संख्या में इसके मरीज इलाज के लिए पहुंचने लगे हैं।
हर दिन 400 मरीज पहुंच रहे बुराड़ी अस्पताल
मॉनसून की बारिश और फिर बाढ़ के बाद दिल्ली में यह संक्रमण रोग काफी तेजी से फैल रहा है, जिस कारण बुराड़ी अस्पताल में पहले जहां हर दिन 20 से 30 आई फ्लू के मरीज पहुंचते थे, उनकी संख्या अब 400 के आसपास हो गयी है। वर्तमान में अस्पताल में आई फ्लू के मरीजो की लम्बी लम्बी कतार नजर आ रही है, जिनकी आंखों पर काले चश्मे लगे हुए हैं।
घरेलू उपचार से बढ़ी परेशानी
गांव के रहने वाले आई फ्लू के मरीज रमेश ने एबीपी लाईव की टीम से बातचीत में बताया कि पहले उनकी आंखों में जलन हुई फिर आंखों में खुजली होने लगी। इसके बाद आंखों से पानी आने लगा और उनकी आंखें सूज भी गयी। इसके लिए जब उन्होंने घरेलू उपचार किया तो उनकी आंखें ओर ज्यादा लाल हो गईं और आँखो में दर्द के साथ चुभन भी होने लगी। उनके बाद, उनके घर मे और वही लोग इससे संक्रमित हो गए, जिसके बाद वे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे।

आई ड्रॉप डालने से नहीं मिला आराम
वहीं मोहन गार्डन के रहने वाले चंद्रभान ने बताया कि उनकी कॉलोनी में भी काफी लोग इस आई फ्लू से पीड़ित हैं। उनकी आंखों से लगातार पानी आ रहा है, और आंखे लाल हो गयी हैं। खुजली इतनी होती है कि कंट्रोल कर पाना भी मुश्किल हो जाता है। आंखों में आई ड्रॉप डालने से जब आराम नहीं मिला तो वे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे हैं।
पूरा परिवार हुआ आई फ्लू का शिकार
वहीं तिलक नगर के रहने वाले दीपक कुमार ने बताया कि उनके घर मे सबसे पहले उनकी 8 साल की बेटी की आंखों में लालीपन और खुजली की समस्या उत्पन्न हुई जो बाद में सूजन और फिर आंखों से पानी-कीचड़ आने में तब्दील हो गयी। बेटी के बाद 2 साल का बेटा भी संक्रमित हो गया और फिर अब वे और उनकी पत्नी भी इसके शिकार को गए। उन्होंने बताया कि उनकी दोनों ही आंखें खून की तरह लाल हो गयी हैं, और सूजन के साथ लगातार आंखों से पानी और कीचड़ निकल रहा है। आई ड्रॉप और गुलाब जल आंखों में डालने से भी जब कोई राहत नहीं मिली तो वे इलाज के लिए अस्पताल पहूंचे।
बैक्टेरिया-वायरस के संपर्क में आने से होता है इंफेक्शन
इस वक़्त तेजी से फैल रहे इस संक्रमण के लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी के लिए एबीपी लाईव की टीम ने जब दिल्ली सरकार के बुराडी अस्पताल में आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर आरती से बात की तो उन्होंने बताया कि फैलने वाला रोग है। आई फ्यू यानी कंजंक्टिवाइटिस को “पिंक आई” के रूप में भी जाना जाता है। यह एक संक्रमण है, जो कंजंक्टिवा की सूजन का कारण बनता है। कंजंक्टिवा क्लियर लेयर होती है, जो आंख के सफेद भाग और पलकों की आंतरिक परत को कवर करती है. मॉनसून के दौरान, कम तापमान और हाई ह्यूमिडिटी के कारण, लोग बैक्टीरिया, वायरस और एलर्जी के संपर्क में आते हैं, जो एलर्जिक रिएक्शन्स और आई इंफेक्शन जैसे कंजंक्टिवाइटिस का कारण बनते हैं।
ये लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से करें संपर्क
वहीं, डॉ दानिश ने बताया कि, आई फ्लू आंखों में इंफेक्शन होने पर घरेलू उपचार ना करें. समय रहते नजदीकी आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर से संपर्क करें जिससे कि आई फ्लू पर जल्दी काबू पा कर आंखों को सुरक्षित रखा जा सके. उन्होंने बताया कि मौसम में बदलाव के चलते कई प्रकार की बीमारियां फैल रही हैं, जिनमें से आई फ्लू एक है. आई फ्लू का सबसे पहला और अहम लक्षण नजला, जुखाम, बुखार है यदि आपको को ये शिकायत हो तो समय रहते नजदीकी डॉक्टर से सलाह के अनुसार मेडिसन ले।