
दुनिया की तबाही को लेकर आए दिन कोई ना कोई खबर सामने आती रहती है। कई न्यूज एजेंसियां लोगों को डराकर अपनी खबरें चलवा लेती हैं। लेकिन ऐसा कभी सच नहीं होता। कई बार स्पेस से किसी बड़े उल्कापिंड के धरती से टकराने की न्यूज आती रहती है। यहां आपको ये बता दें कि इन चट्टानों के धरती से टकराने की संभावना बहुत कम होती है। लेकिन अगर पृथ्वी अपने गुरुत्वाकर्षण से इन्हें खींच ले, तब बड़ा हादसा हो सकता है।
नासा सहित कई स्पेस एजेंसियां इन चट्टानों पर लगातार नजर रखे होती हैं। अब तो ऐसी तकनीक भी आ गई है, जिससे उन उल्कापिंडों को, जिनके टकराने की संभावना ज्यादा प्रबल है, को स्पेस में ही डाइवर्ट किया जा सकता है। इससे ये सीधे समुद्र में गिरते हैं और कोई नुकसान नहीं होता। अब नासा ने एक नए चट्टान के धरती की तरफ बढ़ने की पुष्टि की है। इसका नाम 488453 (1994 XD) रखा गया है, ये अगले दस दिनों में अर्थ के ऑर्बिट के पास से गुजरेगा।
12 जून को होगा सबसे नजदीक
स्पेस एक्सपर्ट्स इस चट्टान पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। कहा जा रहा है कि 12 जून को ये धरती के ऑर्बिट के सबसे नजदीक होगा। रात को करीब एक बजे ये धरती के पास से गुजरेगा। अभी इसकी स्पीड 21.47 किलोमीटर प्रति सेकंड है। ये 12 जून को पृथ्वी के नजदीक से होते हुए गुजर जाएगा। लेकिन जैसा की पहले बताया गया है कि पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से छेड़छाड़ होने पर ये धरती से टकरा भी सकता है।
इतना बड़ा है साइज
इस चट्टान का साइज 830 मीटर है. यानी इस साल अब तक पृथ्वी के पास से गुजरे किसी भी चट्टान से बड़ा है 488453 (1994 XD)। नासा के नियर ऑब्जेक्ट्स वार्निंग लिस्ट में ये अभी सबसे ऊपर है। अगर किसी इंसान से कंपेयर करें, तो मशहूर इको वॉरियर ग्रेटा थनबर्ग को 580 बार जोड़ दिया जाए, तो ये चट्टान उतना ही बड़ा है। ये चट्टान सबसे पहले 1904 में पृथ्वी के पास से गुजरा था और इसके बाद फिर से 8 दिसंबर 2192 को गुजरेगा।