
लखनऊ। यूपी की योगी सरकार ने संविदा कर्मचारियों का शोषण रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया हैं। सरकार भर्तियों की प्रक्रिया में बदलाव को लेकर नई नियमावली तैयार कर रही है। जिससे एजेंसियों को किसी भी कर्मचारी को हटाने से पहले उसके कार्य से संबन्धित विभाग की संस्तुति लेनी पड़ेगी।
दरअसल, पिछले दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के काम की तारीफ की थी और कहा था कि सभी कर्मचारियों का मानदेय समय पर और पूरा मिल सके, ये सुनिश्चित किया जाए।
सीएम योगी ने यह भी नसीहत दी थी कि किसी भी हाल में कर्मचारियों का आर्थिक या मानसिक शोषण नहीं होना चाहिए। सीएम के इस निर्देश पर सेवायोजन विभाग की ओर से नई नियमावली तैयार की जा रही है।
नियमावली में होंगे ये बदलाव
आउटसोर्सिंग के माध्यम से विभागों में होने वाली भर्तियों को चयनित एजेंसी सेवायोजन पोर्टल पर अपलोड करती है। भर्तियों के लिए आवेदन किए जाने बाद सेवा प्रदान करने वाली एजेंसी अनियमित सूची से अभ्यर्थियों का चयन करती है। अब इस प्रक्रिया को बदला जाएगा।
● नई नियमावली में अनियमित तरीके से भर्ती की जगह शैक्षिक योग्यता के आधार पर मेरिट से अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा।
● भर्ती के लिए इंटरव्यू में 20% से अधिक अंक नहीं दिये जाएंगे। इसके अलावा भर्ती प्रक्रिया की टाइमलाइन तय करते हुए 20 से 30% अभ्यर्थियों की वेटिंग लिस्ट भी तैयार की जाएगी।
● जिस विभाग के लिए चयन प्रक्रिया होगी उसमें संबंधित विभाग के प्रतिनिधि को शामिल किया जाना भी अनिवार्य होगा।
● अभ्यर्थियों के लिए सेवायोजन पोर्टल पर सभी शैक्षणिक व तकनीकी योग्यताओं का प्रमाणपत्र अपलोड करना भी अनिवार्य होगा। इससे भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़े की आशंका को खत्म किया जा सकेगा।