
उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार के अधीन सेवारत कर्मचारियों और अधिकारियों को ट्रांसफर के 7 दिन या तय की गई तारीख तक अपनी नवीन तैनाती पर कार्यभार ग्रहण करना अनिवार्य होगा।
यदि ट्रांसफर होने के बाद भी कोई अधिकारी अपने अधीन सेवारत कर्मचारी को कार्यमुक्त नहीं करता है या कोई कर्मचारी/अधिकारी 7 दिन या नियत तारीख तक नवीन तैनाती पर कार्यभार ग्रहण नहीं करता है तो इसे अनुशासनहीनता मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि, प्रदेश के 8 आकांक्षी जनपदों, बुंदेलखंड एवं 34 जनपदों के 100 आकांक्षी विकासखंडों के लिए थोड़ी राहत दी गई है। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने हाल ही में नई स्थानांतरण नीति (2023-24) को कैबिनेट की मंजूरी के बाद लागू किया है। इसके अनुसार विभागीय मंत्री की अनुमति से विभागाध्यक्ष 30 जून तक तबादले कर सकेंगे।
तय समय में ग्रहण करना होगा कार्यभार
वहीं, नई स्थानांतरण नीति में स्थानांतरित कार्मिकों के लिए भी दिशा निर्देश दिए गए हैं। इसके अनुसार, स्थानांतरित कार्मिकों द्वारा नवीन तैनाती पद पर तय समय के अंदर कार्यभार ग्रहण न करने पर उन्हें स्वतः कार्यमुक्त किया जा सकेगा। यानी वो पुरानी तैनाती पर अपना कार्य जारी नहीं रख सकेंगे। यही नहीं, स्थानान्तरित कार्मिकों के द्वारा नवीन तैनाती के स्थान पर नियत समय पर कार्यभार ग्रहण न करने पर उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की जाएगी।