
दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को 2,000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी। इन नोटों को बैंक खातों में जमा करने या बदलने के लिए जनता को 30 सितंबर तक का समय दिया गया।
हालांकि, 2000 रुपये का नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा बना रहेगा, जबकि नवंबर, 2016 की नोटबंदी में 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों को रातों रात अमान्य कर दिया गया था। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने सभी स्थानीय प्रधान कार्यालयों के मुख्य महाप्रबंधक को पत्र लिखकर कहा है कि आम जनता को एक बार में कुल 20,000 रुपये तक के 2,000 रुपये के नोटों को बदलने के लिए किसी फॉर्म की जरूरत नहीं होगी।
ऐसे नोटों को अपने खाते में जमा करने के लिए रिजर्व बैंक ने कोई सीमा नहीं तय की है। इसके लिए ‘अपने ग्राहक को जानो’ (केवाईसी) मानदंडों और अन्य लागू वैधानिक आवश्यकताओं को पूरा करना होगा। बैंक ने 20 मई के पत्र में कहा, ”विनिमय के समय कोई पहचान प्रमाण प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं है।” एसबीआई ने अपने स्थानीय प्रधान कार्यालयों को जनता के लिए सभी तरह के सहयोग की व्यवस्था करने को कहा है।
सूत्रों के मुताबिक 2,000 रुपये के नोट बदलने के लिए कोई कितनी भी बार कतार में खड़ा हो सकता है। नोट बदलने की सुविधा 23 मई से उपलब्ध है, लेकिन कई ग्राहक शनिवार को 2,000 रुपये के नोट बदलने के लिए अपनी शाखाओं में पहुंचे, जिन्हें समझाकर वापस भेज दिया गया।