
देश में साइबर सिक्योरिटी को हाईटेक बनाने के कई दावों के बाद भी हैकर्स सरकार से एक कदम आगे ही रहते हैं। ऐसा ही कुछ मामला उत्तर प्रदेश से सामने आया है, जहां यूपी रोडवेज की वेबसाइट को ही हैक कर लिया गया। आज भी साइबर अटैक को लेकर कोई सख्त कानून नहीं है जिसके तहत सजा हो सके। इस महीने की शुरुआत में ही भारत सरकार ने 12,000 ऐसी वेबसाइट की लिस्ट जारी की थी जो कि हैकर्स के निशाने पर थे।
इस वक्त उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की वेबसाइट के सर्वर पर साइबर अटैक हुआ है और डाटा चोरी किया गया है। इस हैकिंग के बाद बिटकॉइन में 40 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई है। साइबर हमलावरों ने दो दिन का वक्त दिया है और तय वक्त में फिरौती न देने पर यह रकम बढ़ाकर 80 करोड़ करने की धमकी दी है।
इस संबंध में साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है और मामले की जांच चल रही है। यह एक रैनसमवेयर अटैक है। रैनसमवेयर अटैक में ही डाटा पर कब्जा किया जाता है और फिरौती की मांग की जाती है। हमले में सर्वर की फाइलों को इनक्रिप्ट कर दिया गया है और डिजास्टर रिकवरी क्लाउड का भी डाटा इनक्रिप्ट हो गया है। अब डाटा का रिकवरी कर पाना बेहद मुश्किल है।
सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि इसे बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। वेबसाइट का प्रबंधन करने वाली कंपनी मैसर्स ओरियन प्रो ने वेबसाइट से डेटा रिकवर करने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम लगाई हुई है। ऑनलाइन टिकटिंग सेवाओं को बहाल करने के लिए एक नया सर्वर स्थापित करने के लिए कंपनी ने एक सप्ताह का समय मांगा है। बसों का संचालन प्रभावित न हो इसके लिए परिवहन निगम की बसों का संचालन मैनुअल टिकटिंग के जरिये किया जा रहा है।