शादी का ऐसा कार्ड देख दंग रह गए मेहमान, न तो दूल्हा न ही दुल्हन, फिर भी नाचे बाराती, जाने मामला

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उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक अनोखी शादी चर्चा का विषय बनी हुई है। जिस शादी में न दूल्हा है न दुल्हन फिर भी पूरे रीति-रिवाज के साथ विवाह का आयोजन किया गया। इसमें इलाके के एसडीएम, ब्लाक प्रमुख सहित तमाम सम्मानित जनों ने कार्यक्रम में शिरकत की।

इस शादी में बड़ी तादात में बाराती नाचते गाते हुए बारात में शामिल हुए, मामला थाना कैसरंगज इलाके का है। जहां के कड़सर बिटौरा गांव में बीते सोमवार को एक अनोखा शादी देखने को मिली। ये अनोखा विवाह कुंआ और बगिया के साथ हुआ। इस आयोजन के लिये लोगों को शादी के कार्ड भी बांटे गए। विवाह कार्यक्रम में एसडीएम और ब्लॉक प्रमुख के साथ आस-पास के अन्य तमाम लोग भी शामिल हुए। कुंआ और बगिया का विवाह क्षेत्र के लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

कैसरगंज थाना क्षेत्र के ग्राम कड़सर बितौरा गांव में सोमवार को एक अनोखी शादी देखने को मिली। हुआ यूं कि गांव में बगिया संग कुंआ का विवाह कराया गया। जिसमें बराती और घराती के लोग शामिल हुए। इतना ही नहीं, गांव से बगिया की बारात कुंआ के लिए ले जाई गई। बस इस विवाह में युवक और युवती की जगह कुंआ और बगिया का विवाह कराया गया। मंगलवार को बारात विदाई के बाद भोज कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कुंआ और बगिया के विवाह कार्यक्रम के गवाह एसडीएम महेश कुमार कैथल, ब्लॉक प्रमुख संदीप सिंह विसेन, डॉ अरविंद सिंह, अमरेश बहादुर सिंह, सुरेश सिंह, राकेश सिंह, अखिलेश सिंह और लवकुश सिंह समेत अन्य शामिल हुए। एसडीएम बराती बनकर काफी खुश दिखे।

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कुंआ और बगिया की शादी के लिए गांव राकेश सिंह और अखिलेश सिंह ने कार्ड छपवाया। इसके बाद इसे ग्रामीणों के बीच बांटा, साथ ही गांव के लोगों को आमंत्रित किया। गांव के साथ पड़ोसी गांव के सैकड़ों लोग भी शामिल हुए और इस शादी में झूमकर नाचे।

गांव निवासी बृजेश सिंह राठौर ने बताया कि वयोवृद्ध 85 वर्ष की दादी किशोरी देवी पत्नी देवीबक्श सिंह के मन में कुंआ और बगिया के विवाह की बात उठी. किशोरी देवी ने बताया गांव में कुंआ और बगिया पूजन हमारे संस्कृति में है. ऐसे में पहले दोनों का विवाह कराया गया. इसके बाद भोज कराया गया. अब किसी भी युवक और युवती की शादी पर कुंआ घूमने के साथ बगिया में तेल पूजन के समय मिर्चुआ की पूजा की जा सकती है.

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वहीं इस मामले में एसडीएम कैसरंगज महेश कुमार कैथल ने बताया कि गांव में प्रचीन कुंआ था जो पट गया था. लोगों को शादी समारोह के लिए कुंआ और बगिया आदि में होने वाली विवाह के पूजन की रस्मों के लिये काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. जिस बात को लेकर गांव की वयोवृद्ध महिला की मंसा पर कुंआ और बगिया का विवाह कराकर आस-पास के लोगों के लिये विवाह से जुड़ी तमाम वैदिक परम्पराओं की खातिर मांगलिक आयोजन करवाकर बगिया और कुंआ पूजन की रस्मों के लिये लोगों का काम आसान कर दिया गया है. यह शादी लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है।

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