लखनऊ। यूपी में निकाय चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ओबीसी को हिस्सेदारी देने के लिए बने आयोग ने अपनी सर्वे रिपोर्ट को गुरुवार की शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी हैं।
मुख्यमंत्री ने इसे मंजूरी देने के लिए शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई है। इसके बाद रिपोर्ट के आधार पर निकाय चुनाव में सीटों के आरक्षण में पिछड़ों की हिस्सेदारी नए सिरे से तय की जाएगी। आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम ने 350 पेज की रिपोर्ट सौंपी है।
उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग ने 28 दिसंबर 2022 को गठन के बाद प्रदेश के सभी 75 जिलों में सर्वे का काम शुरू कर दो माह दस दिन में पूरा किया। हाईकोर्ट के आदेश पर गठित आयोग ने जिलों में जाकर ओबीसी के आंकड़ों का मिलान किया।
कुछ जिलों में आंकड़ों के मिलान में खामियां भी पाई गईं, जिसे स्थानीय स्तर पर ठीक कराया गया। आयोग ने प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात को गुरुवार को अपनी रिपोर्ट सौंपी। मुख्यमंत्री के समक्ष उन्होंने आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों के साथ जाकर इससे अवगत कराया।
कैबिनेट से लेंगे मंजूरी
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को रखा जाएगा। कैबिनेट से मंजूरी के बाद इसकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को देते हुए यूपी में निकाय चुनाव कराने की अनुमति मांगी जाएगी।