Power Crisis in UP: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बिजली कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं, जिसकी वजह से लोगों को बिजली संकट से गुजरना पड़ रहा है। बिजली कंपनियों में चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के चयन के खिलाफ मुख्य रूप से बिजली कर्मचारी हड़ताल पर हैं, जिसकी वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कई जिलों में बिजली संकट का लोगों को सामना करना पड़ रहा है। आजमगढ़, जालौन, उन्नाव, गाजीपुर, वाराणसी सहित कई जिलों में बिजली की आपूर्ति बाधित है, जिसकी वजह से लोगों को अंधेरे में रहना पड़ रहा है।
पुलिसवालों ने संभाली कमान
जिस तरह से बिजली संकट की वजह से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है उसकी वजह से लोगों का गुस्सा भी बढ़ रहा है। यहां तक कि खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी में हैं, लेकिन यहां पर बिजली गुल है। वाराणसी में विद्युतकर्मी उपकेंद्र छोड़कर फरार हो गए हैं। जिसकी वजह से दरोगा और सिपाहियों ने यहां की कमान संभाली है।
सरकार सख्त
बिजली कर्मचारियों के खिलाफ प्रदेश सरकार ने सख्त रुख अख्तियार किया है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को दो टूक कहा है कि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय ग्रिड से जुड़ी संस्था एसएनडीसी ने कामकाज को ठप कर दिया है। इसके अलावा कर्मचारियों के कई संगठन हड़ताल पर हैं। हड़ताल कर रहे लोगों को सरकार की ओर से चेतावनी देते हुए कहा गया है कि जो संविदाकर्मी काम पर नहीं आएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, उन्हें बर्खास्त किया जाएगा। साथ ही अगर कहीं तोड़फोड़ होती है तो उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
हड़ताल करने वालों का पक्ष
शैलेंद्र दुबे का कहना है कि 3 दिसंबर 2022 को प्रदेश सरकार और बिजली कर्मचारियों के बीच समझौता हुआ था। लेकिन तीन महीने गुजर जाने के बाद भी अभी तक उस समझौते पर अमल नहीं हुआ है। समझौते में कहा गया था कि चेयरमैन और प्रबंध निदेशकों का चयन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी के द्वारा किया जाएगा। लेकिन अभी भी इन पदों पर ट्रांसफर के जरिए नियुक्ति की जा रही है।
क्या कहना है सरकार का
वहीं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का कहना है कि अगर संविदाकर्मी हड़ताल में शामिल होते हैं तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा। प्रदेशभर में हड़ताल को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। यही नहीं एके शर्मा ने कहा कि कई संगठनों ने खुद को इस हड़ताल से अलग कर लिया है। ऐसे में अगर किसी ने भी कर्मचारियों को काम करने से रोका तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। हम हड़ताल करने वाले संगठनों से लगातार बात कर रहे हैं, हमने आज भी दो घंटे बात की है। हम अभी भी बात करने के लिए तैयार हैं। दिसंबर में हुई बैठक के बाद समझौते में कई मांगों को पूरा कर लिया गया है, बाकी मांगों पर विचार किया जा रहा है।