
लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर पिछड़ा वर्ग आयोग की संस्तुतियों पर निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण देने के लिए अधिनियम में संशोधन करने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में सामान्य नगरीय निकाय निर्वाचन-2023 उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम-1916 एवं उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम-1959 में संशोधन संबंधी अध्यादेश को मंजूरी के लिए रखा जाएगा।
कैबिनेट से मंजूरी मिलने के तुरंत बाद ही सीटों के आरक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। सूत्रों का कहना है कि सीटों के आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना बुधवार रात से गुरुवार के बीच कभी भी जारी की जा सकती है। आपत्तियों के लिए सात दिन और निस्तारण दो दिनों में करते हुए अंतिम अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को आरक्षण की अधिसूचना दो दिन में जारी करने का समय दिया है।
उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग ने राज्य सरकार को आबादी के अनुपात व ट्रिपल टेस्ट के आधार पर ओबीसी के लिए सीटें आरक्षित करना का सुझाव दिया है।
इसीलिए मेयर सीटों का आरक्षण प्रदेश, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष मंडल और नगर पंचायत अध्यक्ष सीटों का आरक्षण जिला स्तर पर आबादी और सीटों के अनुपात पर करने का सुझाव है। सूत्रों का कहना है कि इसका अधिनियम में प्रावधान किया जाएगा। उदाहरण के लिए किसी सीट पर अगर 10 से 20 फीसदी तक आबादी है तो उसके आधार पर सीटें आरक्षित होंगी। किसी सीट पर 30 से 40 फीसदी अगर आबादी है तो तय कोटे के आधार पर 27 फीसदी तक ही आरक्षण का लाभ दिया जाएगा।