Sahara India Refund 2023 : सहारा इंडिया (Sahara India) में देशभर के लाखों निवेशकों का पैसा फंसा है, लेकिन सहारा का कहना है कि वह निवेशकों का पैसा लौटाना चाहती है। लेकिन ये पैसा सेबी ने अपने पास रखा है। लाखों लोगों ने सहारा की योजनाओं में भारी निवेश किया था, लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी उन्हें अपने पैसे का इंतजार है।
सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने 232.85 लाख निवेशकों से 19400.87 करोड़ रुपये और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा 75.14 लाख निवेशकों से 6380.50 करोड़ रुपये एकत्र किए थे, लेकिन सेबी सहारा के निवेशकों को ब्याज समेत मात्र 138.07 करोड़ रुपये ही लौटा पाए है, इस से साफ पता चलता है कि निवेशकों के पास अब भी अरबों रुपये फंसे हुए है।
Sahara India Refund 2023
सरकार द्वारा संसद में दी गई जानकारी के अनुसार सेबी को कुल 81.70 करोड़ रुपये की मूलधन राशि के 53,642 मूल बांड प्रमाणपत्र/पासबुक से संबंधित 19,644 आवेदन प्राप्त हुए हैं। सेबी ने 17,526 पात्र बांडधारकों को कुल 138.07 करोड़ रुपये के 48,326 मूल बांड प्रमाण पत्र / पासबुक वापस कर दिए हैं।
इसमें 70.09 करोड़ रुपये की मूल राशि और 67.98 करोड़ रुपये का ब्याज शामिल है। शेष आवेदनों को बंद कर दिया गया है। इसका कारण यह है कि जिन दस्तावेजों को एसआईआरईसीएल और एसएचआईसीएल की तरह दिया गया था, उनका रिकॉर्ड नहीं मिल सका। साथ ही कई बांडधारकों ने सेबी के सवालों का जवाब नहीं दिया, इसलिए उनके आवेदन बंद कर दिए गए।
Sahara india Ka Paisa Kab Tak Milega क्या है मामला।
सुप्रीम कोर्ट के 2012 के एक आदेश के अनुसार, सहारा इंडिया ने निवेशकों से जमा 25,781.37 करोड़ रुपये की मूल राशि के मुकाबले 31 दिसंबर, 2021 तक ‘सेबी-सहारा रिफंड’ खाते में 15,503.69 करोड़ रुपये जमा किए थे। दरअसल सेबी को 25 दिसंबर 2009 और 4 जनवरी 2010 को दो शिकायतें मिलीं। इनमें कहा गया कि सहारा की कंपनियां वैकल्पिक पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर जारी कर गलत तरीके से फंड जुटा रही हैं। इन शिकायतों से सेबी का शक सही साबित हुआ।
इसके बाद सेबी ने इन दोनों कंपनियों की जांच शुरू की।SEBI ने पाया कि SIRECL और SHICL ने OFCD के माध्यम से दो से 2.5 करोड़ निवेशकों से लगभग 24,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। सेबी ने इन दोनों सहारा कंपनियों को पैसा जुटाने से रोकने का आदेश दिया और उन्हें निवेशकों को अपना पैसा 15 फीसदी ब्याज के साथ वापस करने को कहा। समय के साथ, सुप्रीम कोर्ट और सेबी दोनों ने इस मामले को मनी लॉन्ड्रिंग के रूप में मानना शुरू कर दिया। उन्होंने सहारा इंडिया के बैंक खातों और संपत्तियों को फ्रीज करना शुरू कर दिया।
Sahara India Refund Status 2022 सहारा का आरोप
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 26 जनवरी 2014 को सहारा ग्रुप के चेयरमैन को गिरफ्तार किया गया था, नवंबर 2017 में ईडी ने सहारा ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया था. इस तरह सहारा ग्रुप पूरी तरह से कानून के शिकंजे में आ गया। सेबी निवेशकों का पता नहीं लगा सका और जब सहारा समूह की कंपनियां भुगतान करने में विफल रही तो अदालत ने राय को जेल भेज दिया। वह दो साल से अधिक समय जेल में बिता चुका है।
वह 6 मई 2017 से पैरोल पर है। पहली बार उसे अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के नाम पर पैरोल मिली थी, जिसे बाद में बढ़ा दिया गया था। सहारा ने सेबी पर उसके निवेशकों के 25,000 करोड़ रुपये रखने का आरोप लगाया है। अप्रैल 2018 में, सेबी ने कहा था कि वह जुलाई 2018 के बाद किसी भी दावे पर विचार नहीं करेगा। सेबी ने हाल ही में सहारा समूह की दो कंपनियों सुब्रत रॉय और तीन अन्य पर 12 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगाया था।
इस मामले में अब तक सेबी 22 स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर चुका है, पिछले साल अक्टूबर में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक इंटरलोक्यूटरी अर्जी दाखिल कर कोर्ट से निर्देश मांगा था। यानी निवेशकों को अपना पैसा पाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।