7th Pay Commission: 1 फरवरी को बजट पेश होने से पहले सरकारी कर्मचारियों को इससे बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इसे संसद में पेश करेंगी। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह अंतिम बजट है।
सरकारी कर्मचारियों के अलावा इसमें आम लोगों के लिए भी बहुत कुछ खास होने की उम्मीदें हैं। 7वें पे कमिशन लागू होने के बाद फिटमेंट फैक्टर की वजह से लोगों की सैलरी बढ़ी थी। 2016 के बाद से एक बार फिर इसे बढ़ने की उम्मीदें जताई जा रही है। कर्मचारी यूनियन कई बार DA और TA को बढ़ाने की मांग कर चुके हैं।
फिटमेंट फैक्टर क्या होता है?
केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी को तय करने के लिए कई फैक्टर के ऊपर ध्यान देते हैं। इनमें यात्रा भत्ता (TA) महंगाई भत्ता (DA) और हाउस रेंट के अलावा फिटमेंट फैक्टर भी शामिल है। 7वें पे कमिशन के अनुसार 2016 में कर्मचारियों की सैलरी में लगभग 2.57 गुना की बढ़ोतरी हुई थी। इस बार यानी 2023 बजट में इसे लगभग 3.68 तक बढ़ने की उम्मीद है। AICPI के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष में दो बार महंगाई भत्ता में बढ़ोतरी होती है। इनमें जनवरी और जुलाई महीना शामिल है।
फिटमेंट फैक्टर से न्यूनतम सैलरी बढ़ने की है उम्मीदें
फिटमेंट फैक्टर 2.57 से 3.68 तक बढ़ने के बाद लोगों की न्यूनतम सैलरी 18,000 से बढ़कर 26,000 रुपये होने की संभावना है। साल 2016 में 7वें वेतन आयोग लागू होते समय लोगों की बेसिक सैलरी मात्र 6000 रुपये थी। सैलरी को बढ़ाने के लिए फिटमेंट फैक्टर से इसे गुना करते हैं। केंद्रीय कर्मचारियों की इस साल के बजट में मुख्य तौर पर 3 मांगे हैं। इनमें DA में इजाफा, पिछले 18 महीने के बकाया DA भुगतान और फिटमेंट फैक्टर में 2.57 से 3.68 तक बढ़ोतरी।
सरकारी नौकरी करने वालों को ऐसे होगा लाभ
पिछले 18 महीने का बकाया डीए भुगतान होने से सरकारी नौकरी करने वाले लोगों को लाभ हो सकता है। इसके लिए सरकार कोई बीच का रास्ता या फिर एक साथ सभी बकाया रकम दे सकती है। इससे कर्मचारियों के खातों में लगभग 2.18 लाख रुपये तक जाने की संभावना है। इसके अलावा फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी होने से बेसिक सैलेरी बढ़ जाएगी। महंगाई भत्ता यानी डीए 38 से 41 फीसदी होने की संभावना है। आखरी बार सितंबर 2022 में इसमें 4% की बढ़ोतरी हुई थी।