भरतपुर जिले के डीग के राजकीय माध्यमिक विद्यालय नगला मोती में शारीरिक शिक्षक मीरा कुंतल लड़का बन गई हैं। मुहल्ले से लेकर रिश्तेदार तक उसे अब मीरा नहीं आरव कुंतल के नाम से बुलाते हैं। मीरा पैदा तो लड़की के रूप में हुई थी, लेकिन उसके हाव-भाव लड़कों जैसे थे। उसका पहनावा भी लड़कों जैसा ही था।
मीरा ने भी अपनी पहचान बदलने का निश्चय किया और अपना जेंडर चेंज कराने के लिए दिल्ली के एक हॉस्पिटल से संपर्क किया। 25 दिसंबर, 2019 से जेंडर चेंज की सर्जरी शुरू हुई और 2021 तक चली। सर्जरी जब पूरी हुई तो मीरा आरव बन गई। इन तीन वर्ष के दौरान मीरा की स्टूडेंट कल्पना ने उसका भरपूर साथ दिया।
उसका पूरा ख्याल रखा, इसी दौरान दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई। दोनों ने अपने इस रिश्ते को नाम देने का फैसला लिया। हाल ही में 4 नवंबर को कल्पना और आरव शादी के बंधन में बंध गए। दोनों ने जन्म-जन्म तक एकदूसरे का साथ देने का वादा ले लिया।
आरव के पिता वीर सिंह बताते हैं कि मीरा उनकी चार बेटियों में सबसे छोटी थी। बचपन से ही उसका स्वभाव अन्य बहनों से अलग था। मीरा नेशनल लेवल की प्लेयर रही है। हॉकी और क्रिकेट दोनों में हाथ आजमा चुकी है। नगला मोती विद्यालय में शारीरिक शिक्षक है। मीरा यानि आरव ने अपनी नई पहचान हासिल की है।
आरव को अपना जीवनसाथी चुनने वाली कल्पना भी कबड्डी की होनहार खिलाड़ी है। डीग के गांव नगला मोती की रहने वाली कल्पना ने 10वीं में पढ़ाई के दौरान कबड्डी कोच मीरा कुंतल (अब आरव) के निर्देशन में पहली बार राज्य स्तर पर कबड्डी में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था। इस प्रतियोगिता में कल्पना ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।