Telegram Group

2014 की कर्मचारी पेंशन योजना को सुप्रीम कोर्ट ने किया बहाल, 15000 बेतन की सीमा रद्द

नई दिल्ली: शीर्ष अदालत ने आज शुक्रवार (4 नवंबर) को बड़ा फैसला देते हुए 2014 की कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना की वैधता को बरकरार रखा है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पेंशन कोष मे शामिल होने के लिए 15,000 रुपये मासिक वेतन की सीमा को निरस्त कर दिया है।

n4385195161667636254122335dcf49404a9d3bf8cc05c2b932b775bf9659f1366b628657c94aee5a7560dc

2014 के संशोधन ने अधिकतम पेंशन योग्य वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ता मिलाकर) की सीमा 15,000 रुपये हर महीने निर्धारित की थी।

उल्लेखनीय है कि संशोधन से पहले अधिकतम पेंशन योग्य वेतन 6,500 रुपये हर महीने था। प्रधान न्यायाधीश (CJI) यू.यू. ललित, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की बेंच ने आज इस मामले पर सुनवाई की। अदालत ने कहा कि जिन कर्मचारियों ने पेंशन योजना मे शामिल होने के विकल्प का उपयोग नही किया है, उन्हें छह माह के अंदर ऐसा करना होगा। अदालत ने कहा कि पात्र कर्मचारी जो आखिरी तारीख तक योजना मे शामिल नही हो सके, उन्हें एक अतिरिक्त अवसर दिया जाना चाहिए। केरल, राजस्थान और दिल्ली के उच्च न्यायालयों की तरफ से पारित फैसलों मे इस मुद्दे पर स्पष्टता का अभाव था।

Also Read -   एडल्ट फिल्म की शूटिंग करते हुए पकड़ी गईं उर्फी जावेद, जानिए क्या है पूरा माजरा

अदालत ने 2014 की योजना मे इस शर्त को अमान्य करार दिया कि कर्मचारियों को 15,000 रुपये से ज्यादा के वेतन पर 1.16 फीसद का अतिरिक्त योगदान देना होगा। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि फैसले के इस हिस्से को 6 माह के लिए निलंबित रखा जाएगा। इससे अधिकारी कोष एकत्र कर सकेगे। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन और केंद्र सरकार ने केरल, राजस्थान और दिल्ली के हाई कोर्ट्स के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमे 2014 की योजना को निरस्त कर दिया गया था।

Also Read -   15 साल पुरानी गाड़ी नही चला पाएंगे सरकारी कर्मचारी, वित्त मंत्रालय ने दिया आदेश