दिल्ली। देश की अपनी डिजिटल करेंसी में होलसेल लेनदेन के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो गया है। जल्द रिटेल लेनदेन के लिए भी ऐसे ही प्रोजेक्ट को शुरू किया जाएगा। रिजर्व बैंक ने इसी महीने की शुरुआत में ही डिजिटल करेंसी को लॉन्च किया था।
जिसमें 9 बैंकों को लेनदेन की इजाजत दी गई थी। शुरुआती सफलता के बाद डिजिटल करेंसी को लेकर रिजर्व बैंक आगे की योजना पर काम तेज कर चुका है। अगर आप भी अपने वॉलेट में स्वदेशी और भरोसेमंद डिजिटल करेंसी रखने का इंतजार कर रहे तो जानिए इस दिशा में अभी तक क्या कुछ हो चुका है।
रिटेल मार्केट में करंसी शुरू करने की तैयारी
पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर ही सही देश में डिजिटल करेंसी की शुरुआत हो चुकी है। नवंबर की शुरुआत से पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर सेकेंडरी मार्केट में सरकारी सिक्योरिटीज की होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए रिजर्व बैंक ने डिजिटल करेंसी की अनुमति दी है। होलसेल मार्केट में डिजिटल करेंसी के पायलेट प्रोजेक्ट के बाद अब रिटेल मार्केट में भी इसको लॉन्च करने की तैयारी की जा रही है।
रिपोर्टस की मानें तो रिटेल मार्केट में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के पायलेट प्रोजेक्ट के लिए रिजर्व बैंक ने 5 बैंकों का चुनाव भी कर लिया है और कुछ और बैंकों को भी डिजिटल करेंसी के रिटेल पायलेट प्रोजेक्ट के लिए चुना जा सकता है। हालांकि सरकार या रिजर्व बैंक की तरफ से अभी यह साफ नहीं किया गया है कि रिटेल में डिजिटल रुपए से लेनदेन के लिए डिजिटल लेनदेन की मौजूदा व्यवस्था का इस्तेमाल होगा या इसके लिए अलग से व्यवस्था तैयार होगी।
बजट में हुआ था ऐलान
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के आम बजट में ब्लॉक चेन आधारित डिजिटल रुपया लॉन्च करने की घोषणा की थी। सरकार की इसी घोषणा को साकार करने के लिए RBI ने डिजिटल रुपया को पायलेट आधार पर लॉन्च किया है। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी भुगतान का एक नया तरीका होगा। जिसे नागरिकों, बिजनेस, सरकार और अन्य के लिए लीगल टेंडर के तौर पर जारी किया जाएगा। इसकी वैल्यू कागजी मुद्रा के बराबर ही होगी।