सुखी वैवाहिक जीवन के लिए यह आवश्यक है कि पति और पत्नी दोनों बुद्धिमान हों। वे समाज और दुनिया से जुड़ी चीजों के बारे मे अच्छी तरह जानते है। चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र मे पति-पत्नी के 6 प्रकार के गुणों की भी चर्चा की है।
चाणक्य के अनुसार दांपत्य जीवन मे सुख की प्राप्ति के लिए इन आदतों पर नियंत्रण रखना बेहद जरूरी है। ऐसा न करने पर रिश्ता खत्म हो जाएगा।
एक आदमी बुरी लत का शिकार होता है, जैसे- उसे जुए की लत है या वह शराब की बुरी लत का शिकार है, इसलिए वह अपनी पत्नी को बिल्कुल पसंद नहीं करता है। बुरी लत का शिकार होने वाला पति अपनी ही पत्नी का दुश्मन बन जाता है। एक व्यक्ति जो बुरी लत का शिकार होता है, वह अपना अधिकांश धन बुरी लत मे खो देता है।
पति अगर बार-बार अपनी पत्नी से झूठ बोलने पर भी वह स्त्री का शत्रु बन जाता है। झूठ से दोनों का रिश्ता टूट जाता है। पति-पत्नी के रिश्ते की नींव हिल गई है। महिलाओं को सच बोलने वाला पार्टनर पसंद होता है।
महिलाओं को भी ऐसा पति पसंद नही आता जो अपने राज दूसरों को बताए। पति-पत्नी एक-दूसरे से कई बातें शेयर करते है, लेकिन महिलाएं नही चाहती कि ये बातें किसी और को पता चले।
चाणक्य ने कहा है कि अगर किसी व्यक्ति का चरित्र खराब है। यदि पत्नी के द्वारा भी अन्य स्त्रियों से उसके अवैध संबंध हों तो पति उसका शत्रु बन जाता है। करीबी की अन्य मे आसी पुति कथकता है यदि पति का चरित्र अच्छा नही है तो पत्नी विवाह को बोझ समझने लगती है।