मुलायम सिंह के निधन का सारा दायित्व केतु को – जानते है सेलिब्रिटी वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्रा अग्रवाल जी से

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मुलायम सिंह एक दिग्गज नेता थे, जिनको किसी परिचय की आवश्यकता ही नही है। आज हमारे बीच नही रहे। मुलायम सिंह जी की जन्मपत्रिका मे मैंने कुछ रोचक चीजे देखी, आपसे साझा करती हु – दो दो राज योग लिए बैठे थे महान दिग्गज नेता। मुलायम सिंह दीर्घायु थे। कर्क लग्न कुंडली मे मुंथेश का छटे भाव मे होना बीमारिया और नई बीमारियों से ग्रषित रहने को दर्शाता है। अभी वे मंगल की महादशा शुक्र की अंतर दशा केतु की प्रत्यंतर दशा और शनि की सुक्ष्म दशा मे चल रहे थे। मृत्यु के लिए मारकेश और मारक स्थानों का बहुत महत्व है। मंगल आंठवे घर मे बैठा है और मंगल की ही महा दशा चल रही थी। केतु को मोक्ष कारक माना जाता है। इनके जन्मपत्रिका के आधार पर शुक्र अंतर और केतु का प्रत्यंतर मृत्यु देने के लिए ससक्त है। पूर्ण आयु मे ये अंतर और प्रत्यंतर दशा को ही देहांत का समय बताया जा सकता है। ये समय 20 सितम्बर से 15 अक्टूबर तक का है। इसी लिए इस समय स्वास्थ में ज्यादा बिगाड़ हुआ और अंत मे ग्रहो ने अपना कार्य सीध कर लिया और दैहिक मृत्यु हो गयी।
लग्न से रूपबल, देहबल, आत्माबल और ख्याति देखी जाती है। मुलायम सिंह जी कर्क लग्न के थे और कर्क का स्वामी है चन्द्रमा। लग्न का कमजोर पड़ना भी मृत्यु की और ले जाता है। चन्द्रमा का 25 डिग्री पर होना कर्क लग्न वालो के लिए अशुभ होता है। 10 अक्टूबर सुबह मृत्यु के समय चन्द्रमा 25 डिग्री मे रेवती नक्षत्र मे थे।
प्रकृति अपने नियमो को कभी नही तोड़ती, सारे योग सईयोग सब प्रतिकूल होते है और शरीर से आत्मा निकल जाती है। भगवान उनकी आत्मा को शांति देवे और परिवार को हिम्मत।

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